बिहार की भाषाएँ एवं बोलियां
बिहार की भाषाएँ एवं बोलियां
बिहार की राजभाषा हिन्दी तथा द्वितीय राजभाषा उर्दू है। बिहार में बोली जाने वाली भाषाओं और बोलियों में भोजपुरी, मैथिली, मगही, अंगिका, और वज्जिका, प्रमुख हैं।
भोजपुरी :- यह भाषा बिहार के मुख्यतः सिवान , छपरा , गोपालगंज रोहतास, भोजपुर, बक्सर, कैमूर, और पश्चिमी चम्पारण में बोली जाती है। बिहार में भोजपुरी बोलने वालों की संख्या सर्वाधिक है । बिहार के अलावा भोजपुरी पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई जिलों एवं विश्व के कई देशों में भी बोली जाती है।
मैथिली :- मैथिली भाषा दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, मधेपुरा, सहरसा, सीतामढ़ी व पूर्णिया जिलों में बोली जाती हैं। लिग्इवंस्टिक सर्वे ऑफ इण्डिया के अनुसार मैथिली भाषा को बोलने वालों की संख्या 1 करोड़ है। मैथिलि भाषा संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल है। कवि कोकिल विद्यापति इस भाषा के सर्वोपरि कवि हैं।
मगही :- यह भाषा गया, पटना, जहानाबाद, नवादा, मुंगेर, हजारीबाग और पलामू जिलों में बोली जाती है। लेकिन पटना और गया जिले में सबसे अधिक बोली जाती है। मगही बोलने वालों की जनसंख्याकरीब ८५ लाख है।
अंगिका :-अंगिका भाषा दुमका, देवधर, गोड्डा, सोहबगंज, मुंगेर, बेगूसराय, खगड़िया आदि जिलों में बोली जाती है। इस भाषा को भागलपुरी भाषा भी कहा जाता है। इसके बोलने वालों की संख्या 1. २५ करोड़ है।
वज्जिका :- वज्जिका वैशाली एवं मुजफ्फरपुर जिले की भाषा है। यह भाषा सम्पूर्ण मुजफ्फरपुर, चम्पारण का पूर्वी क्षेत्र आदि क्षेत्र में बोली जाती हैं। वज्जिका का क्षेत्र करीब चौबालीस सौ वर्ग मील फैला है। वज्जिका भाषा की बोलने वालों की संख्या करीब 70 लाख है।
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