बिहार के प्रमुख मंदिर- महावीर मंदिर,पटना
महावीर मंदिर , पटना
पटना का महावीर मंदिर एक चमत्कारी मंदिर है। पटना रेलवे स्टेशन के सामने स्थित देश के प्रमुख मारुती मंदिरों में से एक हैं। मनोकामना पूर्ति करने वाला यह हनुमान मंदिर विशेष है। इसमंदिर का बड़ा सा परिसर है तथा यह मंदिर तीन मंजिला है। वर्तमान मन्दिर का जीर्णोद्धार 30 नवंबर से 4 मार्च 1985 के बीच हुआ है। मन्दिर का क्षेत्रफल 10 हजार वर्ग फुट क्षेत्रफल में फैला हुआ है। मन्दिर परिसर में आगंतुकों और भक्तों की सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है। हावीर मंदिर का क्षेत्रफल करीब 10 हजार वर्ग फुट है। मंदिर परिसर में आगंतुकों और भक्तों की सभी जरूरी सुविधाएं मौजूद है। मंदिर परिसर में प्रवेश करने के पश्चात बायीं तरफ एक चबूतरे पर सीढ़ियों की श्रृंखला है, जो गर्भगृह की ओर जाती है। है।मन्दिर के परिसर में भगवान राम, श्री कृष्ण भगवान, और दुर्गा माता का भी मन्दिर हैं। इन मन्दिरों में राधा-कृष्ण, राम-सीता, शिव-पार्वती, नंदी, भगवान गणेश समेत तमाम देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित हैं। इसके अलावा इस मन्दिर के बगल में पीपल का पेड़ भी है, जिसमें भगवान शनिदेव विराजमान हैं।
मंदिर की पहली मंजिल पर देवताओं के चार गर्भगृह हैं। इनमें से एक भगवन राम का मंदिर है, जहां से इसका प्रारंभ होता है। राम मंदिर के पास भगवान कृष्ण का चित्रण किया गया है, जिसमें वे अजुर्न को धमोर्पदेश दे रहे है। इससे अगला देवी दुर्गा का मंदिर है। इसके बाद भगवान शिव, ध्यान करती माँ पार्वती और नंदी-पवित्र बैल की मूर्तियां हैं जो लकड़ी के कटघरे में रखी गयी हैं। लकड़ी के कटघरे में शिव जी के ज्योतिर्लिंग को स्थापित किया गया है। इस मंजिल पर एक अस्थायी राम सेतु भी मौजूद है। इस सेतु को कांच के एक पात्र में रख गया है जिसका वजन करीब 15 किलोग्राम है। जिस तरह रामसेतु के पत्थर समुद्र की लहरों पर तैर रहे थे उसी तरह रामसेतु का टुकड़ा भी यहां पानी में तैर रहा है।
मन्दिर परिसर में प्रवेश करने के पश्चात बायीं तरफ एक चबूतरे पर सीढ़ियों की श्रृंखला है जो मन्दिर के मुख्य क्षेत्र जिसे गर्भगृह कहा जाता है की ओर जाती है, जहां भगवान हनुमान का गर्भ गृह है। इसके चारों ओर एक गलियारा है जिसमें भगवान शिव जी है।
मन्दिर की दूसरी मंजिल का प्रयोग अनुष्ठान प्रयोजन के लिए किया जाता है। संस्कार मंडप इसी मंजिल पर मौजूद है। यहाँ मंत्रो का उच्चारण, जप, पवित्र ग्रंथो का गायन, सत्यनारायण कथा और अन्य धर्मिक अनुष्ठान किये जाते है। इस मंजिल पर रामायण की विभिन्न दृश्यों का चित्र प्रदर्शन भी किया गया है।
महावीर मंदिर एक और विशेषता इसका प्रसाद “नैवेद्यम” है, जिसे तिरुपति और आंध्र प्रदेश के विशेषज्ञों द्वारा तैयार किया जाता है। इस प्रसाद में बेसन, चीनी, काजू, किशमिश, हरी इलायची, कश्मीरी केसर समेत अन्य सामग्री डालकर घी में पकाया जाता है और गेंद के आकार में बनाया जाता है। एक और विशेषता इसके प्रसाद की है, जो पीठासीन देवताओ को अर्पित किया जाता है। प्रसाद के रूप में “नैवेद्यम” दिया जाता है जिसे तिरुपति और आंध्र प्रदेश के विशेषज्ञों द्वारा तैयार किया जाता है।
महावीर मन्दिर का नैवेद्यम लडडुओं का पर्याय है जिसे हनुमान जी को अर्पित किया जाता है। संस्कृत भाषा में नैवेद्यम का अर्थ है देवता के समक्ष खाद्य सामग्री अर्पित करना। इस प्रसाद को तिरुपति के विशेषज्ञों द्वारा तैयार किया जाता है। इस प्रसाद में बेसन का आटा, चीनी, काजू, किशमिश, हरी इलायची, कश्मीरी केसर और अन्य फलेवर डालकर घी में पकाया जाता है और गेंद के आकार में बनाया जाता है.
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