बिहार की राजधानी पटना -
बिहार की राजधानी पटना
पटना जिला ----- पटना एक प्राचीन शहर है। पटना जिले का मुख्यालय पटना है। पटना जिला में कुल 23 प्रखंड 321 पंचायत और 1398 गावं हैं |पटना जिले में कुल 67 पुलिस थाने हैं | पटना जिले का एस टी डी कोड - 0612 तथा पिन कोड - 800001 है। पटना बिहार की राजधानी के साथ साथ एक बड़ा और ऐतिहासिक शहर है | यह शहर गंगा के दक्षिणी किनारे पर बसा है |
पटना की जनसख्या( 2011) – 5838465
पुरुष – 3078512 और स्त्री – 2759953 )
जनसँख्या वृद्धि दर (2001 – 2011) – 23.73% समग्र
साक्षरता – 70.68%,(पुरुष –78.48% और स्त्री – 61.96% )
पटना सांस्कृतिक रूप से समृद्ध प्राचीन शहर है | इस का गौरवशाली इतिहास 600 ईसा पूर्व से आरंभ हो गई थी | इसने सम्राट अशोक का शासन देखा, मौर्य कालीन गौरव देखा जब चन्द्र गुप्त ने भारत कि सीमाएं काबुल तक पहुचाई, चाणक्य की राजनीती और अर्थशास्त्र देखा, बुद्ध और जैन धर्म का ज्ञान और प्रसार देखा यहाँ के रहन सहन कि चर्चा चीनी यात्रियों व्हेनसांग और फाहियान के यात्रा वृतान्तो में मिलता है | सिखों के दसवे और अंतिम गुरु गोविन्द सिंह का जन्मस्थल है | मुस्लिम शासनकाल में यह फारसी की पढाई का केंद्र रहा और अग्रेंजो के आने के बाद यह आधुनिक शिक्षण का केंद्र रहा
यह सड़क, वायु और जल मार्ग से देश के अन्य भागों से सुगमतापूर्वक जुड़ा है | यह शहर वर्षो से प्रशासनिक, शैक्षणिक, पर्यटन, ऐतिहासिक धरोहरों, धर्म, अध्यात्म और संस्कृति का केंद्र रहा है |
पटना प्राचीन काल से कृषि और व्यापार का प्रमुख केंद्र रहा रहा है | यहाँ से मुख्यत अनाज, ईख , तीसी और चावल का निर्यात होता रहा है | पटना के आस पास कई चीनी मिली रहीं है | यह मुख्यत व्यापार और विलासिता सामग्रियों के ब्रांड केंद्र के रूप में विख्यात रहा है |
पटना कि अर्थव्यवस्था 2005 से सतत विकास की रही है | यह मुख्य रूप से रोजमर्रा के उपभोग सामग्री उद्योग, सेवा क्षेत्र और हरित क्रान्ति उद्योग से प्रोत्साहित रही है | 2009 ने विश्व बैंक ने पटना को उद्योग शुरू करने के लिय भारत का दूसरा सबसे अच्छा जगह माना | 2015 में प्रति व्यक्ति सकल घरेलु उत्पाद पटना का रू. 106000 तथा सकल घरेलु उत्पाद दर 7.89 प्रतिसत रही है |
पटना विश्व का 21 वी सबसे बड़ी तेजी से विकसित हो रहा शहर माना गया है तथा भारत में यह पांचवे स्थान पर है , इसके विकास की औसत गति 3.72 प्रतिसत है |
पटना का पुराना नाम पाटलिपुत्र , पाटलिग्राम, कुसुमपुर, अजीमाबाद था |
चंद्रगुप्त मौर्य ने 4वी. ईसा में यहाँ अपनी राजधानी बनाई | ऐसी मान्यता है कि आजादशत्रु ने पाटलिपुत्र बनाई | प्राचीन ग्राम पाटली के साथ पट्टन जुड़ कर पाटलिपुत्र बना | ग्रीक इतिहास में पाटलीबोथरा शब्द आता है जो शायद पाटलिपुत्र ही था |
आजादशत्रु ने इस नगर के लिय कई सुरक्षा इन्तेजाम कराया ताकि लिक्छवियों के लगातार आक्रमण से इसे बचाया जा सके | उसने पाया की यह नगर तीन दिशाओ से नदियों से घिरा था जो इसे नदियों के किला की सुरक्षा प्रदान करती थी | आजादशत्रु का पुत्र अपनी राजधानी राजगृह से पटना ले आया और यह स्थिति मौर्य और गुप्त काल में भी यथावत रही | सम्राट अशोक ने यहीं से अपना शासन किया | चंद्रगुप्त मौर्य और समुद्रगुप्त जैसे पराक्रमी शासको की यह राजधानी रही | यहीं से चन्द्रगुप्त ने अपने सेना पश्चिमी सीमा पर ग्रीको से लोहा लेने भेजा था और चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य ने शक और हूणों को वापस धकेला था |चन्द्रगुप्त काल में यही पर ग्रीक दूत मेगास्थनीज आ कर रहा था | प्रसिद्ध यात्री फाहियान 3वी. ईसा में और व्हेनसान 7वी. ईसा यहाँ की यात्रा कि और उस काल कि रहन सहन और शासन पद्धति पर विस्तार से लिखा | कौटिल्य जैसे विद्वान यहाँ रहे और अर्थशास्त्र जैसी रचना लिखी | यह नगर प्राचीन काल से ही ज्ञान और विद्वत्ता के स्रोत्र के रूप में प्रसिद्धी पाई |
चावल जिले की मुख्य फसल है। यह एक तिहाई से अधिक क्षेत्रफल में बोया जाता है | मक्का, दाल और गेहूं उगाए जाने वाले अन्य महत्वपूर्ण खाद्यान्न हैं गैर-खाद्य फसलों में ज्यादातर तेल-बीज होते हैं, सब्जियां, पानी के खरबूजे आदि जैसे नकदी फसल भी दीअर क्षेत्र में उगाई जाती हैं।
पटना एक पर्यटन स्थल भी है। यहाँ कई प्राचीन धार्मिक एवं सांस्कृतिक विरासत के धरोहर है। कुम्हार और अगम कुआं अशोक पाटलिपुत्र के खंडहर की जगह हैं। दिवर्गंज यक्षी मौर्य कला का एक उदाहरण है।
तख्त श्री पटना साहिब सिखों के पांच तख्तों में से एक है और सिखों के दसवें गुरु, गोविंद सिंह के जन्मस्थान को पवित्रा देता है। पटना में पांच अन्य गुरुद्वारा हैं जो विभिन्न सिख गुरुओं से संबंधित हैं; ये गुरुद्वारा पहाड़ बार, गुरुद्वारा गोविंद घाट, गुरुद्वारा गुरु का बाग, गुरुद्वारा बाल लीला और गुरुद्वारा हाथी साहिब हैं।
पदरी की हवेली, उच्च न्यायालय, गोलघर और सचिवालय भवन ब्रिटिश वास्तुकला के उदाहरण हैं। पटना में गांधी मैदान एक ऐतिहासिक स्थल है जहां कई स्वतंत्रता आंदोलन रैलियां हुईं। पटना जंक्शन के नजदीक बुद्ध स्मृति पार्क भी एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण बन गया है।
पटना तारामंडल (इंदिरा गांधी तारामंडल) पटना के इंदिरा गांधी विज्ञान परिसर में स्थित है। यह एशिया के सबसे बड़े तारामंडलों में से एक होने का दावा करता है और बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करता है।