भोजपुर जिला के पर्यटन स्थल -

 भोजपुर जिला के पर्यटन स्थल - 


भोजपुर जिले में बहुत से पर्यटन स्थल  हैं। 


सूर्य मंदिर , तरारी --





तरारी का सूर्य मंदिर अति प्राचीन एवं  प्रसिद्ध मंदिर है।   इस  सूर्य मंदिर में सूर्य भगवान के साथ -साथ अन्य देवी देवतओं का भी  मंदिर है।   यह मंदिर चौदहवी शताब्दी या उससे पूर्व का बताया जाता है ।









वीर कुंवर सिंह किला,जगदीशपुर -- 




 भोजपुर के शान बाबू वीर कुंवर सिंह को कौन नहीं जानता है। यह वीर योद्धा १८५७  के सिपाही  विद्रोह के समय  जगदीशपुर के युद्ध का महानायक रहा है।  ८० साल की आयु में उन्होंने जो कर दिखाया वह मिशाल बन गया। उनका  किला आज भी उसी शान से खड़ा है और उस महान योद्धा  की याद दिलाता है जिसने आजादी के लिए जीवन के अंतिम क्षण तक को कुर्बान कर दिया ।






   महाराजा कॉलेज, आरा --


 वर्तमान महाराजा कॉलेज एक बहुत ही प्रमुख एतिहासिक स्थल रहा है. यहाँ एक गुफा दिखती है जिसके बारे में बताया जाता है कि यह गुफा जगदीशपुर के किला से जुडी हुई है ।


   शाहजी मस्जिद --

यह एक पांच गुम्बदों वाला मस्जिद है. यह इस ढंग का भारत में दूसरा मस्जिद है . इसे शाहजहाँ ने सन १६२३ में बनवाया था. यह अरण्य देवी मंदिर के बगल में अवस्थित है ।


 मौलाबाग का करबला मस्जिद  -- 

सन १८१७ में बना यह मस्जिद औरंगजेब के निर्देश में बना बताया जाता है. यह आरा शहर के मौलाबाग में अवस्थित है ।


    अरण्य देवी मंदिर --




 यह मंदिर बहुत ही प्रसिद्द मंदिर है. आरा शहर की यह देवी मानी जाती है. यहाँ एक प्रतिमा आदि शक्ति की भी है. इसे पांड्वो द्वारा सृजित बताया जाता है. यह बहुत ही पुराना मंदिर है. प्रति दिन अनेक स्राधालू यहाँ आते है ।



   चतुर्भुज नारायण मंदिर  -- 

लक्ष्मी नारायण का यह एक बहुत ही प्राचीन मंदिर है जो पिरो अंचल के चतुर्भुज ग्राम में अवस्थित है ।




   भवानी मंदिर  --

यह मंदिर चतुर्भुज बरवान में अवस्थित है एवम तेरहवी सदी का बताया जाता है ।


   जगदम्बा मंदिर  --

चरपोखरी अंचल के मुकुंदपुर ग्राम में अवस्थित यह मंदिर देवी जगदम्बा का प्राचीन मंदिर है .



पार्श्वनाथ मंदिर  ----

 मसाढ़ ग्राम में अवस्थित ये एक प्रसिद्द जैन मंदिर है 

                       

महामाया मंदिर  -- 

 यह मंदिर सहार अंचल के एकवारी ग्राम में अवस्थित है. यह मुग़ल सामराज्य के बना बताया जाता है ।



जैन सिद्धांत भवन  --




जैन धर्म से सम्बंधित यह एक महान पुस्तकालय है. यहाँ प्राचीनतम जैन धर्म संबधित हस्त लिखित पांडुलिपिया देखी जा सकती है । विश्व का एकमात्र जैन सिद्धांत भवन बिहार के आरा में स्थित है , जहां पर १२वीं सदी से 18 वीं सदी तक 10,000 से ज्यादा पांडुलिपिया सुरक्षित व संग्रहित है। इतने मूल दस्तावेज, कहीं और संग्रहित नहीं किए हुए हैं 



पयहारी जी का आश्रम --

 यह सहर अंचल धरमपुर ग्राम में अवस्थित पयहारी बाबा के नाम पर प्रसिद्द स्थल है ।


                  

कुर्वा शिव  मंदिर --

 शाहपुर में बिलौती रोड पर यह मंदिर अवस्थित है. यह बाणासुर से संबधित बताया जाता है ।


                  

 वेंकटेश मंदिर -- 

 पेरहाप ग्राम में अवस्थित यह मंदिर दक्षिण शैली का अनोखा मंदिर है ।


                      

 शाहजी जमा मस्जिद --

 इस मस्जिद का निर्माण शेरशाह के द्वारा करवाया गया था जो गरहनी बाज़ार में अवस्थित है ।


                       लकर शाह की मजार  - 

 यह शाहपुर में एक बहुत ही प्रसिद्द मुस्लिम संत के नाम पर बना मजार है ।

 


जगदीश पुर  किला  ---  इसे बाबू   कुंवर सिंह का निवास स्थान कहा जाता है। 

 


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