पटना  के पर्यटन स्थल  : 

 

पटना  के पर्यटन स्थल  : 


अगमकुआँ  :





अगमकुआं के नाम से प्रसिद्ध यह कुआं चौथी शताब्दी के मौर्य वंशीय शासक सम्राट अशोककालीन कुआं है। इतिहासकार के अनुसार सम्राट अशोक ने अपने राज्यारोहण के पूर्व अपने 99 भाईयों की हत्या करवा कर इसी कुआं में डलवा दिया था। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ईट से ऊंचा करके घेर दिया गया है  आगम कुआँ, बिहार राज्य के पटना के बाहरी इलाके में पंच पहाडी के रास्ते पर गुलज़ारबाग रेलवे स्टेशन के समीप स्थित है। यह पटना के पूर्व और गुलज़ारबाग स्टेशन के दक्षिण-पश्चिम में है  अगम कुआँ भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा चिन्हित एक पुरातात्विक स्थल के भीतर स्थापित है, जिसमें समीपवर्ती शीतला देवी मंदिर भी है जहाँ लोक देवता शीतला देवी की वंदना की जाती है। इस मंदिर के अंदर सप्तमातृकाओं (सात मातृ देवी) के पिंडों की पूजा की जाती है। चेचक और चिकन पॉक्स के इलाज के लिए मंदिर को व्यापक रूप से माना जाता है।

अशोक कालीन भग्नावषेश का हिस्सा रहा इस  कुआँ का पानी कभी ख़तम नहीं हुआ |. 



तख़्त हरमंदिर साहिब :  




 पटना के सिटी चौक थाने  में स्थित  यह सिख धर्म का सबसे पवित्र स्थल है। सिखों के दसवें गुरु श्री गोविन्द सिंह जी का जन्म स्थल है | 1666 ई. में जन्मे गुरु साहब के आरम्भिक दिनों से जुडी कई स्थल आज भी देखे जा सकते हैं | गुरुद्वारा पटना साहेब का निर्माण महाराजा रंजित सिंह ने करवाया था|





पटना अजायबघर :





यह एक समृद्ध प्राचीन  कलाकृतियों का संग्रहालय है जो 1917 में बना बिहार का सबसे पुराना मुजियम है जो ऐतिहासिक धरोहरों से भरा है |










पत्थर की मस्जिद :




 


सुलतानगंज थाना अंतर्गत अशोक राजपथ से गंगा के पर पत्थर की मस्जिद इंडो-इस्लामिक कला का बेजोड़ नमुना है। इस मस्जिद को चिम्मी का भी मस्जिद कहा जाता है। इसका एक और नाम है सैफ की मस्जिद। पटना की यह सबसे पूरानी मस्जिद है। इस मस्जिद को जहांगीर के पुत्र शहजादा परवेज ने बनवाई थी। शाहजादा परवेज सन 1621 से 1624 तक बिहार के सूबेदार (गवर्नर) थे।

1621 ई. का यह मस्जिद जहागीर का बेटा परवेजशाह ने बनवाया था जो तब बिहार का गवर्नर था |





पादरी की  हवेली :




यह 1772 ई. में वेटिकन वास्तुकार टिर्रेतो द्वारा बनाया यह  बिहार का सबसे पुराना चर्च है |
















तारा मंडल :




यह अधुनिक खगौल विज्ञान और आकाशीय पिंडो कि जानकारी देता है |













श्री कृष्ण विज्ञान केंद्र :






यहाँ  विज्ञान आधारित सिधान्तो का व्यवहारिक पक्ष  यन्त्रो और माडलों के द्वारा दर्शाया गया है |

जानवरों एवं फुल-फल के पौधों-पेड़ो के भरा पूरा है जो देश विदेश के कई हिस्सों से लाये गये है | यहाँ के कृत्रिम झील में नौकायन किया जा सकता है साथ ही खिलौना रेल से उद्यान के विभिन्न भाग को देखा जा सकता है |






गोलघर :







अंग्रेजो द्वारा अंनाज संग्रह के लिए इसे बिहार के भीषण आकाल के बाद बनवाया गया था  |












इको पार्क :





पटना के मध्य यह एक अत्यंत मनोरम बाग है जिसमे कई तरह के पेड़-पौधे और घास के मैदान है | बाग में एक झील भी  और टहलने वालो के लिए ट्रैक भी है |











बुद्ध स्मृति पार्क :









पटना स्टेसन के बनाये गये इस बाग में एक बुद्ध स्तूप है और एक तरफ विपसना केंद्र भी है | यहाँ ऐतहासिक गौरव पर आधारित लेजर द्वारा दृश्य श्रव्य कार्यक्रम भी होता है |

 

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