गया जिले का परिचय -
गया जिले का परिचय -
गया जिला -
गया जिला मगध प्रमंडल का एक महत्वपूर्ण जिला है। जिले में 4 अनुमंडल हैं और 24 प्रखंड हैं। सन १८६५ में गया को एक पूर्ण जिले के रूप में मान्यता प्राप्त हुआ ! बिगत वर्ष १९७६ में गया जिला को बिभक्त कर दो नए जिलों – औरंगाबाद एवं नवादा का सृजन किया गया ! कालान्तर में मई, १९८१ में बिहार राज्य सरकार द्वारा गया, नवादा, औरंगाबाद एवं जहानाबाद कुल चार जिलों को सम्मिलित करते हुए मगध प्रमंडल का सृजन किया गया। गया का जिले का पिन कोड 823001 -13 है और एसटीडी कोड - 0631 है। जिले जिले में 4 महानगर पालिकाएं और 2886 गांव हैं।
गया शहर का इतिहास अति प्राचीन है। कहा जाता है की यह शहर त्रेता युग का है। यही पर भगवन विष्णु का विष्णु पद मंदिर है। यही पर पिंड दान होता है। यही नहीं यहीं पर सिद्धार्थ को ज्ञान की प्राप्ति हुई और वो बुद्ध हो गए। गया जिले का मुख्यालय गया शहर है। गया शहर राज्य का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। इस नगर का हिन्दू , बौद्ध और जैन धर्मों में गहरा ऐतिहासिक महत्व है। शहर का उल्लेख रामायण और महाभारत में मिलता है। गया तीन ओर से छोटी व पत्थरीली पहाड़ियों से घिरा है, जिनके नाम मंगला-गौरी, श्रृंग स्थान, रामशिला और ब्रह्मयोनि हैं। नगर के पूर्व में फल्गु नदी बहती है।
१७६४ में बक्सर के युद्ध में अंग्रेजों की जीत के परिणामस्वरूप बिहार का दीवानी और
राजस्व अधिकार अंग्रेज कंपनी के हाथ चला गया। सन १९४७ में देश के अन्य प्रान्तों
के साथ गया को भी आज़ादी मिली ! सन १८६४ तक गया तत्कालीन बेहार तथा
रामगढ जिलों का हिस्सा बना रहा ! सन १८६५ में गया को एक पूर्ण जिले के रूप में
मान्यता प्राप्त हुआ ! बिगत वर्ष १९७६ में गया जिला को बिभक्त कर दो नए जिलों
, औरंगाबाद एवं नवादा का सृजन किया गया !
कालान्तर में मई, १९८१ में बिहार राज्य सरकार द्वारा गया, नवादा, औरंगाबाद एवं जहानाबाद कुल चार जिलों को सम्मिलित करते हुए मगध प्रमंडल का सृजन किया गया ! बिदित हो कि ये सभी जिलें वर्ष १८६५ में गया जिले के गठन के पूर्व तक अनुमंडल हुआ करता था !
बनारस की तरह गया शहर की प्रसिद्धि एक धार्मिक नगरी के रूप में है। पितृपक्ष के महीने में यहाँ हजारों श्रद्धालु पिंडदान के लिये आते हैं।+ गया सड़क, रेल और वायु मार्ग द्वारा पूरे भारत से जुड़ा है। गया शहर को इंटरनेशनल एयरपोर्ट द्वारा थाईलैंड से जोड़ा गया है। गया से 17 किलोमीटर की दूरी पर बोध गया स्थित है जो बौद्ध धर्म का महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है और यहीं बोधि वृक्ष के नीचे राजकुमार सिद्धार्त को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।
गया बिहार के महत्वपूर्ण तीर्थस्थानों में से एक है। यह शहर खासकर हिंदू तीर्थयात्रियों के लिए काफी प्रसिद्ध है। यहां का विष्णुपद मंदिर पर्यटकों के बीच लोकप्रिय है। पुराणों के अनुसार भगवान विष्णु के पांव के निशान पर इस मंदिर का निर्माण कराया गया है। हिन्दू धर्म में इस मंदिर को अहम स्थान प्राप्त है। गया पिंड दान के लिए भी प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि यहां फल्गु नदी के तट पर पिंडदान करने से मृत व्यक्ति को बैकुंठ की प्राप्ति होती है।
गया, मध्य बिहार का एक महत्वपूर्ण शहर है, जो फल्गु नदी के तट पर स्थित है। यह बोधगया से 13 किलोमीटर उत्तर तथा राजधानी पटना से 100 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है। यहां का मौसम मिलाजुला है। गर्मी के दिनों में यहां काफी गर्मी पड़ती है और ठंड के दिनों में औसत सर्दी होती है। मानसून का भी यहां के मौसम पर व्यापक असर होता है। लेकिन वर्षा ऋतु में यहां का दृश्य काफी रोचक होता है।
कहा जाता है कि गयासुर नामक दैत्य का बध करते समय भगवान विष्णु के पद चिह्न यहां पड़े थे जो आज भी विष्णुपद मंदिर में देखे जा सकते है।मुक्तिधाम के रूप में प्रसिद्ध गया तीर्थ स्थल को केवल गया न कह कर आदरपूर्वक 'गया जी' कहा जाता है
Comments
Post a Comment