वैशाली जिले के पर्यटन स्थल -

   

वैशाली जिले के पर्यटन स्थल -

  वैशाली एक पवित्र धार्मिक स्थल हैं।  यह एक

 प्राचीन स्थल भी है।  रामायण काल का यह प्राचीन

 नगर है।  विश्व को प्रथम लोकतंत्र देनेवाला शहर है।

  बुद्ध और महावीर की नगर है।  भगवान बुद्ध ने

 वैशाली का  बार-बार दौरा किया और अपने उपदेश

 दिए।  तीसरी शताब्दी  बी.सी. में सम्राट अशोक ने

 बौद्ध धर्म के प्रचार प्रसार के लिए  प्रसिद्ध अशोक  स्तंभों में

 से एक यहां खड़ा किया। बुद्ध के महापरिनिर्वाण साल बाद –

 वैशाली में  दूसरी बौद्ध परिषद  आयोजन किया

 गया।   इस बौद्ध महा परिषद को यादगार बनाने के लिए

  दो  और स्तूप बनाए गए। वैशाली  बौद्ध और जैन दोनों के

 लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ केंद्र है। वैशाली  इलाके में  कई

 भव्य  बौद्ध मठ आज भी मौजूद हैं।  कुछ महत्वपूर्ण पर्यटन

 स्थल निम्नलिखित हैं -- 


अशोका स्तंभ  -----













वैशाली  का अशोक स्तम्भ  अन्य

 स्तम्भों से बिलकुल अलग है।  इस

 स्तम्भ के शीर्ष पर केवल एक ही शेर है और इसका मुँह उत्तर की और है।  कहा जाता

 है की भगवन बुद्ध इसी रस्ते गए थे।  इस स्तम्भ के करीब एक बौद्ध विहार भी है कहा

 जाता है की बुद्ध यही विश्राम करते थे।  


विश्व शांति स्तूप ---

वैशाली में एक शांति स्तूप है।  इसका निर्माण  जापान के बौद्ध

 लोगों के सहयोग से किया गया है। इस स्तूप का व्यास 65 फ़ीट तथा यह 125  फ़ीट

 ऊँचा है। 


वैशाली कुण्डल पुर ---







यह  क्षेत्र भगवन महावीर के जन्म स्थल के रूप में  जाना जाता 

 है। यहाँ एक प्राचीन जैन मंदिर है।  इस जैन मंदिर में प्रति दिन पूजा करने से रोग

 ठीक हो जाते हैं।  यहाँ पर मौयर कालीन एक महावीर की प्रतिमा है।  




चतुर्मुख  महादेव मंदिर ---











वैशाली जिले के वैशाली

 गढ़ किलेके करीब एक चतुर्मुख

 महादेव मंदिर है।  इस मंदिर के शिवलिंग में ब्रह्मा ,विष्णु , शिव और सूर्य के मुख लगे

 हुए हैं।   मन जाता है की यह मंदिर बहुत प्राचीन है और रामायण काल की है।  


अभिषेक पुष्करणी  ----



वैशाली संग्रहालय के सामने एक सुंदर झील है जिसे

 कोरोनेशन टैंक या अभिषेक पुष्करनी के रूप में जाना जाता है। फूलों के पेड़ों और

 झाड़ियों से घिरा, जलाशय का पानी पुराने दिनों में पवित्र माना जाता था और

 वैशाली के सभी निर्वाचित प्रतिनिधियों ने शपथ ग्रहण करने से पहले यहां अभिषेक

 किया था।


आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया म्यूजियम ---


 







पुरातत्व विभाग के द्वारा की गई

 खुदाई से प्राप्त सामग्री को इस संग्रहालय में रखा गया है।  



विशालगढ़  राज किला -- 








दुनिया को पहला लोकतंत्र देने वाले वैशाली गणराज्य राजा

 विशाल की नगरी है।  रामायण काल के राजा विशाल के नाम इस नगर और किले का

 नाम रखा गया। राजा विशाल का गढ़ वैशाली के लिछछवि साम्राज्य से जुड़ा

 हुआ एक प्राचीन किला है, जिसे एक पुरानी संसद भवन कहा जाता है। यह किला

 एक परिभ्रमण वाले विशाल तीणा से घिरा हुआ है जो कि 1 किलोमीटर की दूरी के

 रूप में बड़ा है। इसकी ऊंचाई 2 मीटर और चौड़ाई 43 मीटर है ऐसा कहा जाता

 है कि संघीय विधानसभा के करीब सात हजार प्रतिनिधियों ने राजनीतिक मामलों

 पर चर्चा करने के लिए बैठकें आयोजित करने के लिए यहां इकट्ठा होते थे।


 


बामन पोखर मंदिर --- 








यह एक प्राचीन मंदिर और इस मंदिर में और कई देवताओं की

 मूर्तियां हैं।  


कुटागारशाला ---- 




 भगवान् बुद्धा बारिश के मौसम में अपने वैशाली प्रवास के

 दौरान  जिस स्थान पर रहते थे

  उसे कुटागारशाला  कहा जाता था | खुदाई के पता चला है कि  यहाँ पर एक

 छोटा सा घर था, जहाँ बुद्ध वैशाली प्रवास के दौरान आराम और ध्यान  करते थे। 

 बाद में इस स्थान पर एक मठ बनाया गया।  

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