मुजफ्फरपुर जिले के पर्यटन स्थल --

  मुजफ्फरपुर जिले के पर्यटन स्थल --


मुजफ्फरपुर एक धार्मिक एवं सांस्कृतिक क्षेत्र है।  इस भूमि पर अनेक दर्शनीय स्थल हैं।  उनमें से कुछ के बारे में जानकारी देता हूँ। 


बाबा गरीब स्थान मंदिर,मुजफ्फरपुर ---



 






बाबा गरीब स्थान मंदिर एक सिद्ध शिव मंदिर है।  इस मंदिर के बारे में कहा जाता है की यह बिहार का  वैद्यनाथ धाम  मंदिर है।    यह मंदिर लगभग 300  साल पुराना है।  

शहर के पुरानी बज़ार क्षेत्र में बाबा गरीब स्थान मंदिर स्थित

 है। यह धार्मिक स्थल सिटी मुज़फ़्फ़रपुर के केंद्र में पवित्र

 और सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। यह प्रसिद्ध तीर्थस्थल

  भगवान शिव को समर्पित है। यहाँ भगवान गणेश और देवी

 पार्वती भी पूजा होती है।  मुख्य मंदिर परिसर में, भक्तों

  के धार्मिक  और अन्य कार्यक्रमों के आयोजन के लिए एक

 बड़ा बरगद का पेड़  है। इस प्राचीन मंदिर में महाशिव

रात्रि बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है।   इस दिन 

  लाखों भक्त बाबा के दर्शन करने और जल चढाने आते है।

  ऐसी मान्यता है की जो भी भक्त शुद्ध मन से अपनी मन्नत

 मंगता है वह जरूर पूरी हो जाती है। 
 





झारखंड के बिहार से अलग होने के बाद बाबा   गरीबनाथ मंदिर  में देवघर के बाद सबसे अधिक श्रद्धालु आते हैं.


 मुजफ्फरपुर स्थित बाबा   गरीबनाथ धाम वर्षों से श्रद्धालुओं

 के आस्था और श्रद्धा का केन्द्र रहा है. मनोकामना लिंग के

 रूप में  प्रसिद्ध  यह मंदिर हर भक्त की मनोकामना पूर्ण

 करता है।  यहाँआने वाले भक्त  देवघर वालेवैद्यनाथ धाम 

 की तरह ही   काँवर  लेकर जाते हैं और जल चढ़ाते हैं।  



सावन के महीने में कावंरिये   सोनपुर के पहलेजा घाट से 70 किलोमीटर की दूरी तय कर  लाखों की संख्या में पवित्र गंगा जल से बाबा का जलाभिषेक करते हैं।  धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बाबा गरीबनाथ धाम का तीन सौ साल पुराना इतिहास रहा है. लेकिन मिले दस्तावेज के अनुसार 1812 ई. में इस स्थान पर छोटे मंदिर में बाबा की पूजा-अर्चना होती रही थी. 
मान्यता है कि  यहाँ सात पीपल का पेड़  थे। . पेड़ को काटते   समय अचानक खून जैसे लाल पदार्थ निकलने लगा जिससे  लोग डर  गए और काटना बंद कर दिया।   वही से शिवलिंग निकला।  तभी से वहां पूजा अर्चना शुरू हो गई।  




देवघर की तर्ज पर बाबा गरीबनाथ धाम में भी डाक बम गंगा जल लेकर महज 12 घंटे में बाबा का जलाभिषेक करने की परंपरा रही है.





माता बगलामुखी मंदिर ---




 यह मंदिर  काफी प्राचीन है।  यह स्थान काफी पवित्र और सिद्ध  है।  शत्रुओं का नाश करने वाली  इस माता बगलामुखी का मंदिर कच्ची सराय रोड , मुजफ्फरपुर में  स्थित है |  मंदिर में स्थापित माता की मूर्ति अष्टधातु की है जो दस भुजा स्वरुप में पञ्च प्रेतासन पर विराजमान है।   माँ बगलामुखी कि मूर्ति के ठीक नीचे "सहस्त्र दल महायंत्र" स्थापित है | इस यन्त्र पर १०८ महाविद्याओं कि साधना की  जाती है |   यह एक जाग्रत यंत्र है और इस यन्त्र के कारण लोगों की कामना पूरी होती है। यही नहीं  इसके दर्शन मात्र से मनुष्य का भाग्य बदल सकता है | नवरात्र में यहाँ देशभर से अनेकों भक्त साधना के लिए आते हैं। कहा जाता है कि  माता बगलामुखी के साधक को कभी शत्रु परेशान नहीं कर सकते। 


चतुर्भुज स्थान मंदिर --



 चतुर्भुज स्थान मंदिर मुजफ्फरपुर  भगवान विष्णु  का प्रसिद्ध एवं पवित्र दर्शनीय मंदिर है।  इस मंदिर का विशेष महत्त्व है।  यह मंदिर इलाके का सबसे प्रचीन मंदिर है।  कहा  जाता है कि  यह मंदिर मौर्या साम्राज्य कालीन है जिसका जीर्णोद्धार 1200  के आसपास किया गया।  । अतिप्राचीन बाबा चतुर्भुज नाथ मंदिर भक्ति व आस्था का केंद्र है । यहाँ भगवान् चतुर्भुज यानी श्रीहरि विष्णु की भवय प्रतिमा स्थापित है । यहाँ एक प्राचीन शिवलिंग भी है । इस  मंदिर परिसर में  भगवान् सूर्य , भैरव और गणेश भगवान की प्रतिमाए स्थापित है । यहाँ मुख्य द्वार पर स्थापित सूर्य मंदिर इस क्षेत्र  का एकमात्र सूर्य मंदिर है । यह मंदिर मुजफ्फरपुर के दर्शनीय स्थल मे काफी प्रसिद्ध है।


श्रीराम मंदिर ----  मुजफ्फरपुर जिले का यह प्रसिद्ध  श्री  राम मंदिर साहू पोखर के  गांव में स्थित है। यह मंदिर काफी प्रशिद्ध एवं पुराना  है।  यहाँ पर दूर -दूर से भक्त  दर्शन करने आते हैं। यही मंदिर परिसर में एक बड़ा शिव लिंग है।  मन जाता है कि  इस मंदिर में श्री राम की पूजा के बाद जो भक्त शिव जी का जलाभिषेक करता है उसकी सभी मनोकामना पूरी होती है।  


रमन देवी मंदिर ----  यह मंदिर माता दुर्गा का प्रसिद्ध मंदिर है।  मुजफ्फरपुर शहर के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। कहा जाता है की आजादी से पहले इस मंदिर का निर्माण एक व्यवसायी ने करवाया था।  आजादी के पहले से ही यह मंदिर काफी प्रसिद्ध और जाग्रत है।  हमेशा यहाँ पर भक्तों की भीड़ लगी रहती है।  


खुदीराम बोस मेमोरियल ----



  










शहीद क्रन्तिकारी खुदीराम बोस की याद में खुदीराम बोस मेमोरियल बनाया गया है।  






जुब्बा सहनी पार्क  ----













स्वतंत्रता सेनानी और क्रांतिकारी जुब्बा साहनी के नाम पर चिल्ड्रन  पार्क  मिठ्ठनपुरा क्षेत्र में स्थित है। 





रामचंद्र साही संग्रहालय ----




 










जुबबा साहनी पार्क के बीच में, रामचंद्र शाही संग्रहालय का निर्माण 1979 में  किया गया।  यहाँ विभिन्न कलाकृतियों, अष्टदिक पाल और मानसा नाग जैसे मूर्तियों को दिखाया गया है।   प्राचीन बर्तनों का संग्रह और  जटिल रूप से बनाई गई मूर्तियों  इस  संग्रहालय का एक प्रमुख आकर्षण है।






लीची  का  बाग ---- 














मुजफ्फरपुर की लीची पुरे देश में प्रसिद्ध है। यह बड़ा ही स्वादिष्ट और मीठा फल है।  जाहिर है लीचियों का बाग़ भी यहीं होगा।  लीची जब पककर लाल होता है तो बड़ा ही खूबसूरत दीखता है।  यह पर्यटकों के लिए काफी लुभावना जगह है।  मुजफ्फरपुर शहर के आसपास के इलाके में में लीची के बहुत से बाग़ हैं।  प्रत्येक साल यहाँ लाखों तन लीची का उत्पादन होता है।  

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